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Showing posts from May, 2021

बेवक़्त भटकते काफिर को ठिकाना मिल गया..

बेवक़्त भटकते काफिर को ठिकाना मिल गया.. तन्हाई को रेहनुमा मिल गया अपनों को अपनों के लिए वक़्त मिल गया...... ख्याल मिल गये जज्बात मिल गये कुछ किस्से कुछ जवाब मिलेगे... बोहत सी यादे बोहत ख्वाईशो को अंजाम मिल गये... कुछ पुराने यार खो गये कुछ नए यार मिल गये... किसीको जिंदगी किसीको जिंदगी भर का प्यार मिल गया... किसके रिश्ते बिखर गये किसी के रिश्ते मिल गये... किसी की जॉब गयी किसीके होसले टुटे किसीको फिर उड़ने को पंख मिल गये.... कुछ अनकही बाते बन गयी किसीके किस्से खुल गये कुछ का रास्ता छूटा किसीको मंज़िल नई मिल गई... कहने को बोहत दुःख थे पर दुःख को बाठने को हिस्सेदार मिलगये.... कहने को बोहत मुश्किल थी पर मुश्किल को हराने को अपने मिल गये... तेज भागती ज़िन्दगी से आराम मिल गया फिर एक बार बचपन सा सुकून मिल गया इस लोक डाउन भटकते काफ़िर को ठिकाने मिल गया... भटकते काफ़िर को ठिकाने मिल गया... https://youtu.be/VuzZs6zZrFw